श्री निशुल्क गुरुकुल महाविद्यालय
(सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से "क-वर्ग" प्रथम श्रेणी में मान्यता प्राप्त)
Admission
ब्रह्मचारियों के नियम
१. नवीन ब्रह्मचारियों का प्रवेश सामान्यत: १ जुलाई से ३१ जुलाई तक होता है। किन्तु विशेष
परिस्थिति में अधिकारियों के आदेश से भी हो सकता है।
२. गुरुकुल में ८ से १२ तक की आयु के निरोग तीव्र बुद्धि वाले बालक प्रविष्ट किये जाते हैं।
जो प्रवेशिका कक्षा १ से ही प्रवेश की सुविधा है।
३. ब्रह्मचारी के अभिभावक को एक निर्दिष्ट प्रतिज्ञापत्र और प्रवेश पत्र भरना होता है।
४. प्रवेश के समय ६ सदस्यों की एक उपसमिति द्वारा छात्रों की प्रवेश परीक्षा होगी। उत्तीर्ण
छात्र ही प्रवेश योग्य समझे जायेंगे।
व्यय सम्बन्धी नियम-
१. प्राच्य आर्य प्रणाली के अनुसार गुरुकुल में अध्ययन शुल्क नहीं लिया जाता।
२. प्रवेश के समय एक बार रु ५००/- प्रारम्भिक शुल्क लिया जाता है जो किसाभार
किसी भी दशा में लौटाया नही जाता।
३. भोजन व्यय के रुप में ५००50 मासिक लिया जाता है। प्रवेश के समय जुलाई व अगस्त
का भोजन शुल्क देय होगा। भोजन व्यय प्रतिमास दिनांक १५ तक कार्यालय में अवश्य
४. प्रवेश काल में ६० रु0 वार्षिक विकास शुल्क एवं २४ रु० शिक्षण शुल्क देय होगा।
५. प्रवेश के समय अभिभावक को निम्नांकित निर्धारित वस्तुएँ पृथक से देनी आवश्यक
होगी। दो आंचल, दो लंगोट, २ कुर्ते, २ प्रौक्षणी (अंगौक्षा), २ चदर ओढने के लिए, १. दरी या कम्बल, १ लोटा, १ थाली, १ गिलास, १ कटोरी, १. मंजूषा : (बाक्स) ताला
कुंजी तथा अन्य आवश्यक वस्तुएँ जाड में ओढने आदि के लिए कम्बल या रजाई
आदि।
६. आवश्यकतानुसार पात्र, पुस्तक, वस्त्र, तेल, साबुन आदि का प्रबन्ध अभिभावक को
पृथक से करना होता है जिसका कोष पृथक होगा।
ब्रह्मचारियों का रहन-सहन-
१. ब्रह्मचारियों को गुरुकुल में २४ घण्टे निर्धारित समय विभाग के अनुसार रहना होता है।
२. प्रत्येक ब्रह्मचारी गुरुकुल में आचार्य और अध्यापकों को अपना स्थानीय पितृ समझेगा।
गुरुकुल की ओर से सभी ब्रह्मचारियों पर समान व्यवहार किया जायेगा।
३. ब्रह्मचारी को सरल वेशभूषा में रहना होगा। ब्रह्मचारी के वस्त्र पीतवर्ण में होंगे।
४. कोई भी ब्रह्मचारी अपने पास स्वतंत्र रुप से द्रव्य न रख सकेगा। नियमानुसार मुख्य
संरक्षक के देख-रेख में अपना स्वतन्त्र धन विद्यार्थी बन्धु कोष में रखना होगा।
५. कोई भी ब्रह्मचारी स्वच्छन्द रुप से बाहर
नहीं जा सकेगा।
६. प्रवेशोपरान्त अभिभावक अपने ब्रह्मचारी से आचार्य तथा मुख्याअधिष्ठाता की अनुमति
से ही मिल सकेंगे और पत्र व्यवहार कर सकेंगे।
७. ब्रह्मचारी को घर जाने का अवकाश नहीं दिया जायेगा। आवश्यक होने पर अभिभावक
आवेदन पर आचार्य, मुख्याधिष्ठाता ब्रह्मचारी को १५ दिन का अवकाश दे सकेंगे।
ग्रीष्मावकाश में चले जाने पर भोजन शुल्क में जून मास
की छूट प्रदान प्रदान की जायेगी।
८. ब्रह्मचारी सीधा किसी से पत्र-व्यवहार नही कर सकेगा। प्रत्येक प्रकार के पत्रों को देखने
का अधिकार अधिकारियों को होगा।
९. जो छात्र आचारहीनतादि कारणों से गुरुकुल के लिए अयोग्य सिद्ध होगा उसे कुल से पृथक कर दिया जायेगा।
१०. तीन मास तक नियमित भोजन शुल्क न आने पर दो बार सूचना दे बाद ब्रह्मचारी को पृथक
कर दिया जायेगा।
११. विवाहोपरान्त कोई भी ब्रह्मचारी आश्रम में निवास नहीं कर सकेगा। यदि कोई ब्रह्मचारी
अवकाश की निर्दिष्ट अवधि पर अकारण बिना आज्ञा के अनुपस्थित होगा तो १ रुपये
प्रतिदिन आर्थिक दण्ड देना होगा और १५ दिन से अधिक होने पर छात्र को पृथक कर
दिया जा सकेगा।
मुख्याधिष्ठाता/प्राचार्य
श्री निश्शुल्क गुरुकुल महाविद्यालय
अयोध्या-फैजाबाद